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प्रेस जगत भारत व विश्व , प्रकाशनार्थ
प्रिय भारत एवं विश्व वासियों ,
विषय : - " भारत में भ्रष्टाचार "
आगरा 22 अक्टूबर 2017
भारत में भ्रष्टाचार का मुख्य केन्द्र बिन्दु वित्तीय राजनैतिक बजट लोकसभा जो मनमानी को बढ़ावा देती है , अगर लोकसभा में ईमानदारी सख्ती दर्शाती तो भारतवासी गरीबी और बेरोजगारी मुक्त भारत कहलाता प्यारो ,
आज प्रधानपद से प्रधानमंत्री पद तक लबालब भ्रष्टाचार है जिसे पूरा विश्व समझ रहा है , सर्वप्रथम भ्रष्टाचारी भारतीय सांसद है जो राष्ट्रीय धन , सांसद निधि का पूर्ण दुर्पयोग करता है , आज एक भी सांसद हिसाब देने तैयार नहीं है कि भाजपा शासन काल में सांसद निधि का प्रयोग किस मद पर कहाँ पर कितना खर्च किया , सांसद वेतन बजट क्या रहा ? कितनी बचत , कितना TAX , कितना खर्च किया । सू्त्रों के अनुसार एक सांसद का कमीशन उसके वेतन से कई गुना ज्यादा होता है उदाहरण :-
- सांसद निधि का प्रयोग - प्राईवेट सेक्टर में करना और लाभ कमाना
- बड़ी कम्पनियों में निवेश और लाभ कमाना ,
- इन्जीनियरिंग कालेजों में निवेश और लाभ कमाना ,
- भवन बनाकर किराये से लाभ कमाना ,
- फार्म हाऊस खरीदना लाभ कमाना ,
- उच्च क्वालिटी होटल बनवाना लाभ कमाना ,
- वाहन शोरुम बनवाना व्यापार खरीद - बिक्री ,
- सरकारी निर्माण टैण्डर लेना व लाभ कमाना ,
- खाद्य सामग्री का स्टाक कर लाभ कमाना ,
- तेल कम्पनियों में निवेश और लाभ कमाना ,
- खनिज में निवेश और लाभ कमाना,
- आलू व्यापार खरीद उत्पाद में लाभ कमाना ,
- भू-माफिया राज स्थापित कर लाभ कमाना ,
- ट्रान्सपोर्ट कम्पनी कारोबार और लाभ कमाना ,
- सोना- चांदी लोहा व्यापार में पकड़ व लाभ कमाना ,
- मानव अपहरण व्यवसाय को संरक्षण व लाभ यानी
- प्रत्येक गैर- कानूनी काम , कर- चोरी , अपराध आज सांसद खुलकर कर रहा है , लोकसभा केवल माफिया सांसदो की संरक्षिका बन गयी है , कानून आज सांसदों की चापलूसी कर रहा है ।
- सांसद आज व्यापारी और उद्योगपतियों के वफादार बनकर कर-चोरी खूब करवा रहे है , इसलिये बजट का लाभ आम-आदमी तक नहीं जा पाता है ।
- भारत में प्राईवेट सेक्टर व सांसद मजदूरों से कम मजदूरी पर प्रतिदिन 10 घंटे काम करवाते है ,
- कानून केवल तमाशा देख रहा है, क्यौंकि भारत की लोकसभा ही भ्रष्टाचारियों का गढ़ बन चुकी है ।
सधन्यवाद !
जय ईमानदारी माँ
भवदीय
हरीशंकर शर्मा
अध्यक्ष IBBIBBP
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