Wednesday, 25 October 2017

भारत में भ्रष्टाचार

To, 
प्रेस जगत भारत व विश्व , प्रकाशनार्थ 

प्रिय भारत एवं विश्व वासियों ,

विषय : - " भारत में भ्रष्टाचार "

आगरा  22 अक्टूबर 2017

भारत में भ्रष्टाचार का मुख्य केन्द्र बिन्दु वित्तीय राजनैतिक बजट लोकसभा जो मनमानी को बढ़ावा देती है , अगर लोकसभा में ईमानदारी सख्ती दर्शाती तो भारतवासी गरीबी और बेरोजगारी मुक्त भारत कहलाता प्यारो ,
आज प्रधानपद से प्रधानमंत्री पद तक लबालब भ्रष्टाचार है जिसे पूरा विश्व समझ रहा है , सर्वप्रथम भ्रष्टाचारी भारतीय सांसद है जो राष्ट्रीय धन , सांसद निधि का पूर्ण दुर्पयोग करता है , आज एक भी सांसद हिसाब देने तैयार नहीं है कि भाजपा शासन काल में सांसद निधि का प्रयोग किस मद पर कहाँ पर कितना खर्च किया , सांसद वेतन बजट क्या रहा ? कितनी बचत , कितना TAX , कितना खर्च किया । सू्त्रों के अनुसार एक सांसद का कमीशन उसके वेतन से कई गुना ज्यादा होता है उदाहरण :-
  •  सांसद निधि का प्रयोग - प्राईवेट सेक्टर में करना और लाभ कमाना  
  • बड़ी कम्पनियों में निवेश और लाभ कमाना ,
  • इन्जीनियरिंग कालेजों  में निवेश और लाभ कमाना ,
  • भवन बनाकर किराये से लाभ कमाना ,
  • फार्म हाऊस खरीदना लाभ कमाना ,
  • उच्च क्वालिटी होटल बनवाना लाभ कमाना ,
  • वाहन शोरुम बनवाना व्यापार खरीद - बिक्री ,
  • सरकारी निर्माण टैण्डर लेना व लाभ कमाना ,
  • खाद्य सामग्री का स्टाक कर लाभ कमाना ,
  • तेल कम्पनियों में निवेश और लाभ कमाना ,
  • खनिज में निवेश और लाभ कमाना,
  • आलू व्यापार खरीद उत्पाद में लाभ कमाना ,
  • भू-माफिया राज स्थापित कर लाभ कमाना ,
  • ट्रान्सपोर्ट कम्पनी कारोबार और लाभ कमाना ,
  • सोना- चांदी लोहा व्यापार में पकड़ व लाभ कमाना ,
  • मानव अपहरण व्यवसाय को संरक्षण व लाभ यानी
  • प्रत्येक गैर- कानूनी काम , कर- चोरी , अपराध आज सांसद खुलकर कर रहा है , लोकसभा केवल माफिया सांसदो की संरक्षिका बन गयी है , कानून आज सांसदों की चापलूसी कर रहा है ।
  • सांसद आज व्यापारी और उद्योगपतियों के वफादार बनकर  कर-चोरी खूब करवा रहे है , इसलिये बजट का लाभ आम-आदमी तक नहीं जा पाता है । 
  • भारत में प्राईवेट सेक्टर व सांसद मजदूरों से कम मजदूरी पर प्रतिदिन 10 घंटे काम करवाते है , 
  • कानून केवल तमाशा देख रहा है, क्यौंकि भारत की लोकसभा ही भ्रष्टाचारियों का गढ़ बन चुकी है । 

सधन्यवाद !                
जय ईमानदारी माँ 
भवदीय 
हरीशंकर शर्मा 
अध्यक्ष IBBIBBP





Sunday, 15 October 2017

विषय :- " राजनैतिक भ्रष्टाचार व विश्व पटल "

To, 
प्रेस जगत भारत व विश्व , प्रकाशनार्थ 
प्रिय भारत एवं विश्व वासियों ,

विषय :- " राजनैतिक भ्रष्टाचार व विश्व पटल "


आगरा 14 अक्टूबर 2017
राजनैतिक भ्रष्टाचार का प्रथम कारण लालच है ।

मैं बूढ़ा मानव हूँ । मैं बूढ़ी नारी हूँ । 

क्या संविधान भारत और विश्व इस सत्य को मानता है ? जवाव नहीं  क्यों ? 
" राजनैतिक मनमानी का इससे बड़ा साक्ष्य विश्व पटल पर नहीं है "

आज विश्व स्तरीय ' आतंकवाद का प्रथम कारण ही बूढ़ी सोच , कमजोर सोच , डरपोक सोच , लालची सोच है , जिसे नेता वर्ग नही मान रहा है ।

परिषद IBBIBBP की प्रथम मांग सन्  1996  से आज तक यही रही है कि राजनीति में बु़ढ़ापे को कोई भी स्थान नही दिया जाय ,आयु सीमा 60 या 65 वर्ष बाद कोई भी मानव नारी राजनीति के पद चुनाव में अयोग्य घोषित किया जाय , तभी राजनीति में ईमानदारी नई सोच के साथ छा जायेगी ।

बूढ़े राजनेता यानी 60 से 65 वर्ष अायु सीमा बाद राष्ट्रपति से प्रधान तक चुनाव नहीं लड़ पायेंगे , मुख्यपद राजपाल तक नहीं बनाये जायेंगे , यानि चुनाव में अयोग्य घोषित होंगें ।

दावा :- राजनैतिक रिटायरमेंण्ट  लागू होने के बाद भारत सहित विश्व पटल पर अमन चैन , सद्-भाव , शान्ति का माहोल बन जायेगा " 
आप लागू किजिये फिर परिणाम देखिये ,

मेरे प्यारो ,
 " बूढ़ी सोच यानी सड़ी सोच 
    युवा सोच यानी ताजा सोच "

भारत और विश्व को महान बना सकती है , यही ईमानदारी है । 

क्या नेता वर्ग इस सच पर अमल करेगा ?
या वही मनमानी [ बूढ़ी सोच सड़ी सोच ] चलेगी ।

सधन्यवाद ! 
भवदीय 
हरीशंकर शर्मा
अध्यक्ष IBBIBBP 







" ईमानदारी और दीपावली "

To,
प्रेस जगत भारत व विश्व , प्रकाशनार्थ

प्रिय भारत एवं विश्व वासियों ,

विषय :- " ईमानदारी और दीपावली "

" मन का दीप नहीं जलाया अंधेरा छा गया 
   विश्व पटल पर मानव समाज में भ्रष्टाचार अंधेरा छा गया "

  • ईमानदारी की परिभाषा :- 
" जहाँ भ्रष्टाचार नहीं है वहाँ
ईमानदारी रहती है मन की 
सोच पर यह निर्भर रहती है "

  • उदाहरण :-
                                                    "   विपत्ति काल मानव समाज 
                                                      को मजबूर करता है कि राह 
                                                      ईमानदारी छोडें या नहीं " 
  

" केवल लाभ लालच में मानव समाज 
के साथ  किया गया छल- कपट ही 
महा-भ्रष्टाचार है "

उदाहरण :- अगर मैं सबसे अमीर बनू
भले ही मानव समाज का 
सर्वनाश हो जाय ,


"  मन की गन्दी सोच अगर असर 
दिखा गयी तो प्रभाव सामने  जरुर 
आयेगा " जो भयंकर , कटीला व
 विनाश कारी ही होगा  "

" प्रकृति स्वरुप से दूरी बनाकर राह भटक कर मनमानी कदम उठाना ही भ्रष्टाचार है "


"मानव पतन , समाज पतन  और राष्ट्र पतन 
का प्रथम कारण ही झूठ होता है 
आज ही प्रयोग कर आजमालीजिये " 


" जिस देश , समाज  व घर में भ्रष्टाचारी 
सोच रहेगी वहाँ तनाव , उत्पीड़न , विनाश 
झूठ , छल , कपट का ही वास होगा "


" प्राकृतिक वायु  पानी , फसल , फल स्वाद 
जब भ्रष्ट नहीं है आज भी पूरी- पूरी 
ईमानदारी है भ्रष्टाचार भाग गया 
मानव समाज की गन्दी सोच मिलावट 
ने भ्रष्टाचार बढ़ा दिया "


" जब माँ - पिता और मानव समाज नर + नारी 
भ्रष्टाचार की नाली में गोता खा ही गये 
तब ईमानदारी सोच वाला पुत्र- पुत्री 
कैसे अच्छा समाज बना सकेगा "


" नियम + कानून व संस्कार रीतियां प्रथा
संसार को स्वर्गमय बना रही है यही
सच्ची ईमानदारी है जहाँ भ्रष्टाचार नहीं है "


" रंग-भेद , जाति-भेद , धर्म-भेद और अन्याय 
के रहते ईमानदारी कभी नहीं आ सकती "


" जहाँ प्रकाश यानि ईमान दीप जलेगा वहाँ 
अंधकार यानि भ्रष्टाचार नही रहेगा और 
जहाँ भ्रष्टाचार होगा वहाँ ईमानदारी कभी 
नहीं रह पायेगी "

सधन्यवाद ! 
जय ईमानदारी माँ
भवदीय 
हरीशंकर शर्मा
अध्यक्ष IBBIBBP