To, प्रेस जगत भारत व विश्व , प्रकाशनार्थ
प्रिय भारत एवं विश्व वासियों ,
विषय :- " गुजरात नरसंहार का सच "
अध्यक्ष IBBIBBP हरीशंकर शर्मा ने गुजरात नर संहार का सच जाना तब देश भक्त महात्मा गाँधी जी के दरबार में सर झुका कर माफी मांगी कि काश मे सक्षम होता तो गुजरात के हत्यारों को तत्काल फांसी दे देता हे राम कितनी बेरहमी व क्रूरता निशाना बनाकर एक-एक घर मुसलमान का छांट कर समूह बना कर हत्यारो ने 3 दिन तक नरसंहार किया , पुलिस को थाने से बाहर जाने पर पूरी रोक थी , बाहरी सेना शक्ति सूबे से बाहर रखा यानी खुले-आम कत्ले आम चलाया गया , हत्यारे कौन थे ? हत्यारे भारत की विभिन्न जेलों के शातिर सजा पाये गये कुख्यात अपराधी बताये गये , जिनकी पहचान गुजरात वासी पीडित नही कर सके , वाह प्रशासन वाह जेलर साहब वाह राजनीति गुजरात । सभी हत्यारे बच गये , निर्दोष गुजराती मुसलमान गोधरा काण्ड की भेंट चढ गये ।
गोधरा रेलवे स्टेशन पर रेल डिब्बे जले खडे देखे सामने मस्जिद भी देखी पर रेल डिब्बों में आग लगाना आसान काम नही लग रहा क्यौंकी रेल स्टेशन काफी बढ़ा है , जल- पानी का भी इंतजाम है , रेल मेन स्टेशन से दूर डिब्बे जले जहाँ दमकले आराम से जा सकती थी । स्टेशन के बाहर चौड़ा रोड़ है , रेल डिब्बो कोआग से बचाने का इन्तजाम स्टेशन पर था ; आवश्यकता पर दूसरे स्टेशनों से 15 मिनट में आग बुझाने की गैस दूसरी पटरी पर आ सकती थी , तब गोधरा रेल काण्ड पर प्रशासन व मुख्यमंत्री कार्यालय मात्र तमाशा बीन बना रहा । रेल दरवाजे तत्काल खोले जाने को हर स्टेशन पर योग्य इंजीनियर्स व लैब कार्मिक व्यवस्था है , दूसरे रेल डिब्बे हवादार है जैसे अध्यक्ष हरीशंकर शर्मा ने देखा तब अति दुखी हो गया बेचारे निर्दोष भारतीय हिन्दू और मुसलमान जान बूझ कर मार दिया ।
सवाल - यदि यह सच है की कुख्यात सजा पाये अपराधी गुजरात या भाजपा शासित प्रदेशो से भाड़े पर लाये गये थे तब बेहद दुर्भाग्य पूर्ण सच है कि भारतीय प्रशासन कितना भ्रष्ट है , यदि नही तो इतनी हत्यायें मुसलमानों की किसने की ? धिक्कार है भ्रष्ट जाँच अधिकारीयों को जो सच का सामना नही कर सकते , संविधान का पालन जो नही करता वही पक्का भारतीय जिन्ना है जिसे आज ही भारत छोड़ कर पाकिस्तान चला जाना चाहिये ।
धिक्कार गुजरात पुलिस प्रशासन को सभी आग बुझाने का तंत्र होने पर भी गोधरा काण्ड का तमाशा देखती रही , क्या भारत में यही ईमानदारी है कि निर्दोषों को मौत ।
हे राम अध्यक्ष हरीशंकर शर्मा विवश है पर हार नही मानी आज की मांग है की जेलों का निरीक्षण किया जाय की गोधरा काण्ड के समय अपराधी जेलों से बाहर नही गये , स्वच्छ जांच की जाय कि रेल डिब्बों मे आग किसने लगायी ? और रेल प्रशासन ने आग तत्काल क्यों नही बुझायी ? पुलिस प्रशासन ने मुसलमान मुहल्लों में हत्याकाण्ड के दौरान कितने हत्यारों को मार गिराया ?
बहारी पुलिस सेना प्रदेश में अन्दर क्यों नही गयी यदि हाँ या ना तो कितने आतंकी , हत्यारे मार गिराये , कितने पकड़ लिये ? कितने फांसी पर चढ गये ?
हे राम भ्रष्टाचारी देश- द्रोही की तरह माना जाता है उसकी जाति सूअर की तरह होती है , कितना भी गिर सकता है यानी हत्यारा व आतंकवादी बन सकता है , उसे मारना और फांसी देना ही संविधान का पालन है , क्या भारत की लोकसभा गुजरात निर्दोष हत्या काण्ड व हत्यारो को सजा देने की कार्यवाही व निष्पक्ष जांच कराने का काम करेगी और सजा केवल फांसी का विधेयक लायेगी ?
कृपया 90 दिन में गुजरात के हत्यारों को फांसी दीजिये SIR
मेरे प्यारो ईमानदारी का साथ दीजिये तभी भ्रष्टाचारी फांसी तक जा पायेंगे ।
सधन्यवाद !
भवदीय
हरीशंकर शर्मा
अध्यक्ष IBBIBBP
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